नारी स्वरूप
₹299.00
ISBN-978-93-6175-423-4
यह किताब मेरे विचारों को व्यक्त करने का एक प्रयास है, विशेष रूप से महिलाओं के बारे में। एक राजपूत परिवार से होने के नाते, मैंने बचपन से ही कुछ विशेष मर्यादाओं को देखा और महसूस किया। इस पुस्तक में मेने अपने भीतर अपने आस पास जो महसूस किया है उन्हीं भावनाओं को व्यक्त किया है, में यहां एक नारी को नहीं लिख रही क्योंकि नारी को लिखना संभव ही नहीं है, यह किताब नारी के सम्मान, स्वाभिमान और उसकी शक्ति को समर्पित है।
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