दस्तक अनसुनी आहट
₹349.00
ISBN NO:-978-93-6175-428-9
“दस्तक, अनसुनी आहट” मेरा स्वरचित प्रथम काव्य संग्रह है। घर परिवार गलियारों में चहकते पंछियों की तरह……कभी सुबह के सूरज की सुनहरी किरनों की पसारती लालिमा की तरह मन पटल पर अपनी अमिट छाप छोड़ते हुए मनो भावों को कविता का रूप देने का एक आंशिक प्रयास किया है। मेरे पास पड़ोस में घटित वातावरण में घटित कुछ घटनाएं सुनी अनसुनी वारदातें तथा कुछ काल्पनिक जहनी पहलुओं को लेखनी छूने की सार्थक कोशिश की है। आशा करता हूं की मेरी कविताएं आपको पसंद आएंगी ।
मैं डॉ. डी.डी. देसाई कर्नाटक राज्य के एक छोटे से गांव ‘ बेलंकी ‘ जिला बेलगांवी का रहनेवाला मराठी भाषी व्यक्ति हूं। बचपन से ही हिंदी के प्रति प्रेम था, जिससे हिंदी साहित्य के प्रति रुझान बढ़ता गया। वर्तमान मैं दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा – शिक्षा महाविद्यालय हैदराबाद में प्रवक्ता पद पर कार्यरत हूं।
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