प से पुरुष
₹349.00
ISBN-978-93-6175-566-8
काव्यम् फाउंडेशन द्वारा संपादित “प से पुरुष” एक अद्वितीय काव्य संग्रह है जिसमें भारत के विभिन्न राज्यों के उत्कृष्ट रचनाकारों की भावपूर्ण रचनाएँ सम्मिलित हैं। पुरुष संघर्ष की भट्टी में तपते हैं, माली बन बगिया सींचते, सख़्त हो जाती हैं हथेलियां उनकी जब दर्द दस्तक देतें हैं। पुरुष ने चुना स्वयं कोरा कागज़ हो जाना ताकि छिड़की जा सके अपने अपने मन मुताबिक स्याही, और रस, छंद, अलंकार से युक्त तैयार हो सके एक महाकाव्य। उन्होंने बोझ ढोए, सेतु बांधे, भस्म ओढ़ ली जटा धारी हो गए और समा लिया सारा बहाव गंगा का। धरा (स्त्री) रचती संसार, अम्बर (पुरुष) बरसता प्यार तब जाकर कहीं इंद्रधनुष लेता सतरंगी आकार। पुरुष को जितना लिखा जाएं जितनी बार पढ़ा जाएं उनके किरदार से उतने ही अनसुलझे रहस्य सामने आते हैं काव्यम् फाउंडेशन द्वारा संपादित “प से पुरूष” काव्य संग्रह आपको एक नए रूप में पुरुष वर्ग पर मनन संग भाव की अनंत गहराई का स्पर्श कराएगी।
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