बिखरा
₹349.00
ISBN-978-93-6976-366-5
इस किताब “बिखरा” में एक लगाव, इश्क़, जुड़ाव और प्रेम के रिश्ते की बात की गई है। कोई व्यक्ति किसी एक रिश्ते से कितना बिखर सकता है और कितना टूट सकता है इसका छोटा सा वर्णन है इस किताब में। व्यक्ति कुछ चरणों से गुज़रता है फिर जा कर वो सम्भालता है, बस वही कुछ चरणों का ज़िक्र है इसमें। इस किताब से ज़्यादातर वो व्यक्ति जुड़ और समझ सकते हैं जिन्होंने कभी किसी से प्रेम किया हो, जुड़ाव रखा हो, या लगाव रखा हो।
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