होनी अनहोन
₹299.00
ISBN-: 978-93-6175-334-3
जीवन में कभी कभी रुकना या कुछ कदम पिछे हट जाना भी जरुरी होता है।
माना के यह वैज्ञानिक एवं प्रगतीशील युग चल रहा है।
• पर अभी भी ऐसा बहुत कुछ है जो अनभिज्ञ और कल्पना से परे है।
सच्चाई जानकर अगर हम अपनीही बात मानवाने में लगे तो पछतावा भी करना पड सकता है।
या कभी ऐसे भी हो सकता है की प्रयास उचीत या पर्याप्त नहीं होते…
• यही चीजें सोचने पर मजबूर करने वाली कहाणी…
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