महाकुंभ है महाकुंभ
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मैं साहित्य नगरी उन्नाव से नैंसी गुप्ता आप सभी का सादर अभिवादन करती हूं ।और मैं बताना चाहूंगी कि इस बार मैं, मेरे सह लेखकगण और जेईसी प्रकाशन महाकुंभ 2025 पर आपके लिए लाया है महाकुंभ है महाकुंभ साझा संकलन ।
यह पुस्तक एक आस्था की पुस्तक है। जिसे पूरे देश से 2025 के महाकुंभ में 25 लेखकों ने (संकलक के अतिरिक्त) मिलकर बनाई है। सभी लेखकों ने अपनी अपनी कलम से अद्भुत रचना रचकर त्रिवेणी संगम गंगा यमुना सरस्वती जी को समर्पित की है।
कोई रचना महाकुंभ चलने के लिए भक्तों को प्रेरित कर रही है तो कोई महाकुंभ का इतिहास बता रही है, कोई महाकुंभ में जाने पर होने वाले सुखद अनुभव को साझा कर रही है । ऐसे अनेक भावों को समेटे हुए महाकुंभ है महाकुंभ पुस्तक अपने आप में एक महत्वपूर्ण महा साझा संकलन है जो कि अतुलनीय है।
शायद आज नहीं किंतु जब भी भविष्य में आप इसको पढ़ेंगे महाकुंभ सजीव चित्रण आपकी आंखों के सामने आ जाएगा और आप गौरवशाली महसूस करेंगे क्योंकि यह महाकुंभ 144 बाद आया है जो कि लगभग तीन -चार पीढ़ियों को एक बार मिल पाता है हम सभी वास्तविकता में बहुत ही भाग्यशाली हैं जो हमारे जीवन में यह ऐतिहासिक, धार्मिक, अविस्मरणीय पल आया है।
इस विश्व पर्व को और अधिक सुंदर और सुगम बनाने के लिए हमारी प्रदेश सरकार ने एड़ी चोटी का दम लगाया है, माननीय मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जी ने युद्ध स्तर पर काम किया है जो काबिले तारीफ है मैंने अपने अब तक के जीवन में इतना समर्पित भक्त रूपी नेता नहीं देखा। केवल मैं ही नहीं कार्यक्रम दौरान मैंने हर मुख से यही सुना है इतना बड़ा और शांतिपूर्ण आयोजन सबके बस की बात नहीं है। योगी मोदी का शासन है जहां यह महाकुंभ इतना पावन और इतना सुगम है। धन्यवाद हमारे देश सम्माननीय नेताओं को।
इस साझा संकलन में राष्ट्रीय स्तर पर कवि और कवयत्रियों ने मिलकर कविता रूपी भेंट दी है ।
जय हिन्द जय भारत।
जय श्री राम
जय गंगा मैया।
जय हो महाकुंभ।
धन्यवाद
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