शहर तुम गाँव चलो
₹349.00
ISBN-978-93-6175-172-1
प्रस्तुत संकलन “शहर तुम गाँव चलो” में सभी सह लेखक लेखिकाओं ने अपनी रचनाओं के माध्यम से एक सजीव रूप प्रदान किया है। आधुनिकता की दौड़ ने गाँव के गाँव खाली कर दिए हैं और शहर बसा लिए हैं, जिसके चलते मन का सुकून कहीं खो सा गया है। कभी कभी यादों के झरोखें से झांकता है मन अपने गाँव को। इस पुस्तक के माध्यम से सभी रचनाकारों ने अपने निर्झर मन: भाव प्रस्तुत किए हैं जो पाठक को नीम की शीतल छांव संग मां की लोरी से लेकर दृढ़ संकल्प की जड़ें प्रदान करती है।। आशा है काव्यम् फाउंडेशन द्वारा संपादित “शहर तुम गाँव चलो” पुस्तक सभी पाठकों के हृदय पर एक गहरी छाप छोड़ेगी ।
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