श्री चित्रगुप्त जी की कथा व जीवनी और यम चितीया महात्म्य एवं भाई दू ज कथा
₹199.00
ISBN-978-93-6175-694-8
जिस जाति में जन्मे जहाँ उस देह का लालन हुआ । उसे बाल काल विलास में अब तक जहाँ पालन हुआ ।। निज पूर्वजों के काम पर जननी जनक जन धाम पर । कुल जाति प्यारी जन्म भू के प्राण प्यारे नाम पर ।। तन मन विभव सुख से समर्पण है नहीं जिसने किया । हे नाथ उसका जन्म जग में व्यर्थ ही तूने दिया ।।
ऐसा कहा गया है सुख है न भोजन पाने में, सुख है न ललना प्यार में। सुख है कहीं तो है वही बस एक परोपकार में ।।
Reviews
There are no reviews yet.